इम्यूनिटी बढ़ाता है च्यवनप्राश, कोरोना के ट्रायल में भी सकारात्मक नतीजे मिले 

इम्यूनिटी बढ़ाता है च्यवनप्राश, कोरोना के ट्रायल में भी सकारात्मक नतीजे मिले 

सेहतराग टीम

दुनियाभर के वैज्ञानिक अपने-अपने तरीके से कोरोना वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं। भारत भी कोरोना वक्सीन को बनाने में लगा हुआ है, लेकिन भारत इसके साथ-साथ आयुर्वेद का भी सहारा ले रहा है। अच्छी बात ये भी है इसके परिणाम भी अच्छे मिल रहे हैं। लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज (केजीएमयू) में च्यवनप्राश का ट्रायल किया। यह ट्रायल जून से अगस्त तक हुआ, जिसे आयुर्वेद संस्थान ने तैयार किया है। इस ट्रायल में 100 कर्मचारियों को च्यवनप्राश दी गई और 100 को नहीं दी गई। फिर च्यवनप्राश खाने और नहीं खाने वालों की इम्युनिटी परखी गई, जिसमें सकारात्मक नतीजे देखने को मिले।

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रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रायल में यह पाया गया कि च्यवनप्राश लेने वाले बीमार नहीं हुए। ट्रायल के जांचकर्ता डॉ. एके. सोनकर ने बताया कि परिणाम बेहतर मिले हैं। इनका मूल्यांकन शुरू कर दिया गया है। केजीएमयू की संक्रामक रोग यूनिट के नोडल प्रभारी डॉ. डी. हिमांशु का कहना है कि यह भविष्य के लिए अच्छे संकेत हैं। अब ट्रायल के सभी पहलुओं का मूल्यांकन कर ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को भेजा जाएगा। 

आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने भी कुछ महीने पहले च्यवनप्राश के फायदों के बारे में बताया था। उन्होंने कहा था, 'च्यवनप्राश का सेवन सर्दी-गर्मी किसी भी मौसम में कर सकते हैं। यह शरीर के लिए फायदेमंद होता है। इसमें आंवला होता है, जो किसी भी मौसम में खाया जा सकता है। च्यवनप्राश सुबह नाश्ते में ले सकते हैं, लेकिन दूध में मिला कर नहीं पीना चाहिए।' उनका कहना था कि जिस राज्य में च्यवनप्राश की बिक्री ज्यादा हुई है, वहां मृत्यु दर कम हुई है।

च्यवनप्राश के लाभ

च्यवनप्राश में कुछ ऐसे प्राकृतिक तत्व होते हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी बढ़ाने का काम करते हैं। एक अध्ययन में भी यह पाया गया है कि च्यवनप्राश इम्यूनिटी सेल्स की गतिविधि बढ़ा देता है, जिससे संक्रमण की संभावनाएं घट जाती हैं। यह अध्ययन खांसी और सर्दी-जुकाम से पीड़ित कुछ लोगों पर किया गया था।

च्यवनप्राश में ये आयुर्वेदिक औषधियां होती हैं?

च्यवनप्राश में आंवला, ब्राह्मी, बादाम तेल और अश्वगंधा जैसी आयुर्वेदिक औषधियां मिली होती हैं। कहा जाता है कि पहले के समय में कुछ ऐसे च्यवनप्राश होते थे, जिसमें 20 से अधिक जड़ी-बूटियां मिलाई जाती थीं।

 

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